भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) 16 दिसंबर से मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) के लिए नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है। नई व्यवस्था लागू होने के बाद अगर कोई व्यक्ति एमएनपी कराता है तो इसकी प्रक्रिया 2 से 3 कामकाजी दिवस में पूरी हो जाएगी। वहीं एक सर्किल से दूसरे सर्किल के लिए नंबर पोर्टेबिलिटी के आग्रह को 5 दिन में पूरा किया जाएगा। फिलहाल यह प्रक्रिया पूरी होने में 7 दिन का समय लगता है।
5.74 रुपए लगेगा एमएनपी चार्ज
ट्राई की ओर से जारी नए ड्राफ्ट में एक बार फिर मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) चार्ज को 19 रुपए से घटाकर 5.74 रुपए करने की सिफारिश की है। दरअसल, ट्राई ने 31 जनवरी 2018 को एमएनपी चार्ज 19 रुपए से घटाकर 4 रुपए कर दिया था। ट्राई के इस फैसले के खिलाफ टेलीकॉम ऑपरेटर दिल्ली हाईकोर्ट चले गए थे। 8 मार्च 2019 को दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्राई के फैसले को खारिज कर दिया था। इसके बाद एक बार फिर टेलीकॉम ऑपरेटर एमएनपी के लिए 19 रुपए का चार्ज ले रहे थे। यूजर्स को राहत देने के लिए एक बार फिर ट्राई ने एमएनपी चार्ज को लेकर नया ड्राफ्ट जारी कर 5.74 रुपए की फीस तय की है। यदि सबकुछ ठीक रहता है तो ट्राई के यह नए नियम 30 सितंबर 2019 से लागू हो जाएंगे।
क्या है एमएनपी?
दरअसल ट्राई ने मोबाइल ग्राहकों की सुविधा के लिए मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवा शुरू की है। इस सेवा के तहत कोई भी मोबाइल यूजर अपना नंबर बदले ऑपरेटर बदल सकता है। इस सेवा के लिए ग्राहक को कुछ शुल्क देना पड़ता है। शुरुआत में यह शुल्क 19 रुपए निर्धारित किया था। अपना मोबाइल नंबर दूसरी कंपनी के पास पोर्ट कराने के लिए ग्राहक को अपने मैसेज बॉक्स में PORT टाइप करके 1900 पर एक मैसेज भेजना होता है। फिलहाल नंबर पोर्ट कराने में 4 से 7 दिन का समय लगता है।
भारत में बढ़ रही मोबाइल यूजर की संख्या
भारत में इस समय 117 करोड़ मोबाइल यूजर हैं, जिसमें से सितंबर महीने में लगभग 53 लाख 6 हजार सबस्क्राइबर्स ने नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन किया था। ट्राई के मुताबिक आने वाले समय में मोबाइल यूजर्स की संख्या बढ़ने की संभावना है।